Triyuginarayan Temple : ​यहां हुई थी भगवान शिव की माता पार्वती से शादी, जाते ही दूर हो जाता है हर दुख……

Triyuginarayan Temple : ​यहां हुई थी भगवान शिव की माता पार्वती से शादी, जाते ही दूर हो जाता है हर दुख……

Triyuginarayan Temple : ​त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और कुछ लोग इसे भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक भी मानते हैं। यह मंदिर त्रियुगीनारायण नामक एक छोटे से गाँव में स्थित है, जो रुद्रप्रयाग से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।

Triyuginarayan Temple
Triyuginarayan Temple

Triyuginarayan Temple  : माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने कराया था। मंदिर का शिखर पत्थर से बना है और नागर शैली में है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु का ज्योतिर्लिंग है। मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश को समर्पित मंदिर शामिल हैं।

Triyuginarayan Temple  : त्रियुगीनारायण मंदिर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और हर साल हजारों भक्त यहां आते हैं। मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून है, जो लगभग 230 किलोमीटर दूर है। मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो लगभग 160 किलोमीटर दूर है।

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मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य हैं:

मंदिर का नाम त्रियुगीनारायण भगवान विष्णु के तीन रूपों – ब्रह्मा, विष्णु और महेश से लिया गया है। गर्भगृह में स्थित ज्योतिर्लिंग स्वयंभू है, अर्थात इसका निर्माण मनुष्यों द्वारा नहीं किया गया है। परिसर में एक अखंड ज्योति जल रही है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह सदियों से जलती आ रही है। मंदिर के पास एक गर्म पानी का झरना है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण हैं

Triyuginarayan Temple
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त्रियुगीनारायण मंदिर कब और कैसे जाएं

यदि आप त्रियुगीनारायण मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है, जब मौसम सुहावना होता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप रुद्रप्रयाग से बस या टैक्सी ले सकते हैं। इस मंदिर में प्रवेश के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। दर्शन के लिए आपको लगभग 2-3 घंटे लगेंगे। अगर आप यहां रुकना चाहते हैं तो मंदिर के पास होटल, सराय और लॉज समेत कई जगहें हैं। यहां आपको खाने-पीने के भी अच्छे विकल्प मिलेंगे।

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