Maa Durga : यह पाठ करने से ही प्रसन्‍न होती हैं मां दुर्गा, जान लें सही तरीका और जरूरी नियम……..

Maa Durga : यह पाठ करने से ही प्रसन्‍न होती हैं मां दुर्गा, जान लें सही तरीका और जरूरी नियम……..

Maa Durga : चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना का पर्व है। इन 9 दिनों में अगर भक्त पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से मां की पूजा करता है तो मां प्रसन्न होती हैं। लेकिन इस दौरान पाठ करना बहुत जरूरी होता है।

Maa Durga : नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और अखंड ज्योति जलाई जाती है। फिर 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए ये 9 दिन सर्वोत्तम हैं।

Maa Durga
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Maa Durga : नवरात्रि पूजन में दुर्गा सप्तशती का पाठ शामिल होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से चमत्कारिक लाभ होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त पूरे समर्पण और भक्ति के साथ नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है, उस पर रानी हमेशा मेहरबान रहती हैं।

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दुर्गा सप्तशती का पाठ लाभकारी है
Maa Durga : दुर्गा सप्तशती में 360 शक्तियों का वर्णन है। जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का वर्णन है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी पापों का नाश होता है। जीवन से नकारात्मकता, दरिद्रता और दुख समाप्त हो जाते हैं। घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है। जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के नियम

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दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कुछ नियम बताए गए हैं। दुर्गा सप्तशती का विधिवत पाठ करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही तरीका और नियम।

-दुर्गा सप्तशती पाठ में 13 अध्याय हैं, जिनमें कवच, अर्गला और कीलक शामिल हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ कवच, अर्गला और कीलक से ही आरंभ करना होता है, अन्यथा इनके बिना पाठ अधूरा होता है।

-दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही समय सुबह है. साथ ही इस पाठ को नवरात्रि के पहले दिन से शुरू करें और नवरात्रि की महानवमी तक जारी रखें।

-दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय लाल रंग के वस्त्र पहनें। साथ ही जिस स्थान पर बैठकर पाठ करें उस स्थान की साफ-सफाई और स्वच्छता का भी ध्यान रखें।

– पाठ करते समय किसी आसन पर बैठ जाएं। पाठ करते समय किसी से बात न करें। दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय एक ही दिन में पूरे करने की परंपरा है। लेकिन अगर किसी कारण से पाठ पूरा नहीं हो पाया है तो नौ दिन के अंदर अपना पाठ पूरा कर लें।

– पाठ करते समय जल्दबाजी न करें। इसे लयबद्ध और पूरी श्रद्धा से पढ़ें।

-दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करें। साथ ही तामसिक भोजन का सेवन न करें। अन्यथा लाभ की जगह हानि होगी।

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